सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोविंद सिंह का जन्म बिहार के पटना में हुआ था। हिन्दू कैलेंडर का मानना है कि गुरु गोविंद सिंह का जन्म पौष, शुक्लपक्ष सप्तमी 1723 विक्रम संवत को हुआ था। इस साल ये 2 जनवरी को मनाया जाएगा। गुरु गोविंद सिंह जी पिता गुरु तेग बहादुर की शहादत की वजह से 9 साल की उम्र में ही 10वें सिख गुरु बन गए थे। उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को अपना उत्तराधिकारी और सिखों का निर्देशक घोषित किया था। जानते हैं
गुरु गोविंद सिंह की 9 ऐसी बातें जिन्हें अपनाने से बदल सकता है जीवन
1. धरम दी किरत करनी: अपनी जीविका ईमानदारी से काम करते हुए चलाएं।
2. दसवंद देना: अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान में दें।
3. कम करन विच दरीदार नहीं करना: काम में खूब मेहनत करें और काम को लेकर कोताही न बरतें।
4. धन, जवानी, तै कुल जात दा अभिमान नै करना: जवानी, जाति और कुल धर्म को लेकर घमंड न करें।
5. दुश्मन नाल साम, दाम, भेद, आदिक उपाय वर्तने अते उपरांत युद्ध करना: दुश्मन से भिड़ने पर पहले साम, दाम, दंड और भेद का सहारा लें, और अंत में ही आमने-सामने के युद्ध में पड़ें।
6. किसी दि निंदा, चुगली, अतै इर्खा नै करना: किसी की चुगली व निंदा से बचें और किसी से ईर्ष्या करने के बजाय मेहनत करें।
7. बचन करकै पालना: अपने सारे वादों पर खरा उतरने की कोशिश करते रहना।
8. शस्त्र विद्या अतै घोड़े दी सवारी दा अभ्यास करना: खुद को सुरक्षित रखने के लिए शारीरिक सौष्ठव, हथियार चलाने और घुड़सवारी का अभ्यास जरूर करें। आज के संदर्भ में नियमित व्यायाम जरूर करें।
9. जगत-जूठ तंबाकू बिखिया दी तियाग करना: किसी भी तरह के नशे और तंबाकू का सेवन न करें।